बच्चे के जनम लेने के बाद, उसके दूध के दांतों का थोड़ा टेढ़ा-मेढ़ा आना एक सामान्य बात है। आपको बता दें कि दूध के दांत शिशु के वयस्क दांतों की जगह होते हैं, जो उन को जीवन में आगे बढ़ने और उभरने में मदद करते हैं। आमतौर पर यह विकास तब भी हो सकता है जब शिशु के दूध के दांत बिल्कुल सीधे न हों।
अगर आपने यह देखा है, कि आपके बच्चे के स्थायी दांत टेढ़े-मेढ़े निकल रहे हैं, तो यह आपको सच में परेशान कर देने वाला हो सकता है। दरअसल कई माता-पिता इसी चिंता से जूझते हैं। अक्सर टेढ़े-मेढ़े दांत एक बड़ी चिंता का विषय लग सकते हैं, पर आपको घबराने की जरूरत बिल्कुल भी नहीं है। आपको बता दें कि आनुवंशिकी से लेकर बच्चे के अंगूठा चूसने की आदत तक, ऐसे कई कारण हैं, जिसकी वजह से बच्चों के दांत अक्सर उतने व्यवस्थित ढंग से नहीं उगते हैं, जितना कि हम उम्मीद करते हैं। हालांकि खुशकिस्मती से इस समस्या का समाधान करने के लिए आप बहुत कुछ कर सकते हैं, और कई मामलों में, यह आपके विचार से भी कहीं ज़्यादा आसान होता है।
स्थायी दांत टेढ़े क्यों उगते हैं?
आपको बता दें कि बच्चों के टेढ़े-मेढ़े दांत निकलने के पीछे कई कारण ज़िम्मेदार हो सकते हैं, और इनमें से ज़्यादातर आपके नियंत्रण से बाहर ही होते हैं। इसके कारणों को समझने से दरअसल आपको इस समस्या को ठीक करने के लिए सही कदम उठाने में काफी मदद मिल सकती है।
आनुवंशिकी : आमतौर पर आंखों का रंग या फिर कद की तरह ही, आपके बच्चों के दांतों की इकसारता विरासत में मिलती है। आपको बता दें कि अगर आपके या आपके साथी को दांतों की समस्या है या फिर दांत टेढ़े-मेढ़े हैं, तो आपके बच्चे को भी ऐसी ही दंत समस्याओं का अनुभव होने की संभावना बहुत ज्यादा होती है। इसके साथ ही दांतों का आकार, जबड़े का आकार, और यहाँ तक कि दांतों के उभरने का तरीका भी आपकी आनुवंशिक संरचना से निर्धारित हो सकता है।
अंगूठा चूसना : आपको बता दें कि आपके बच्चे का तीन साल की उम्र के बाद लंबे समय तक अंगूठा चूसने या पैसिफायर का इस्तेमाल करने से बच्चे के दांतों की इकसारता प्रभावित हो सकती है। इस तरह की आदतों के कारण दांतों पर पड़ने वाला दबाव दांतों की इकसारता में गड़बड़ी या फिर उनमें गैप पैदा कर सकता है। आपके बच्चे के लिए बेहतर होगा की आप अपने बच्चे को जल्द से जल्द ये आदतें छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करें।
मुंह से सांस लेना : आमतौर पर कुछ बच्चे अपनी नाक की बजाय अपने मुँह से साँस लेते हैं, ख़ास तोर पर अगर उनको एलर्जी या नाक संबंधी कोई समस्या हो। आमतौर पर इससे दांतों और जबड़े की जैविक इकसारता बिगड़ सकती है, जिसकी वजह से खुले काटने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
जबड़े का विकास : आमतौर पर बच्चों के ऊपरी और निचले जबड़े का विकास भी दातों के विकास को बहुत ज़्यादा प्रभावित कर सकता है। अगर एक जबड़ा दूसरे की तुलना में बहुत ज्यादा धीरे या तेजी से विकसित होता है, तो बच्चे के दांत अच्छे तरीके से इकसार नहीं हो सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप दांतों में टेढ़ापन आ जाता है।
दूध के दांतों का जल्दी या देर से गिरना : बच्चों के दूध के दांत का बहुत जल्दी या फिर बहुत देर से गिरना, आमतौर पर यह वयस्कों में दांतों के विकास में समस्या पैदा कर सकता है। अगर बच्चे के दूध के दांत समय से पहले गिर जाते हैं, तो बच्चे के बड़े होने पर दांत गलत जगह पर उग सकते हैं। आपको बता दें की कैनेडियन डेंटल एसोसिएशन के जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, 37.1% कनाडाई बच्चों को रोकधाम या फिर इंटरसेप्टिव ऑर्थोडॉन्टिक इलाज की बहुत ज्यादा जरूरत होती है। इसका मतलब यह है कि बच्चों के एक बड़े हिस्से को अंत में, अपने दांतों को ठीक से इकसार करने में मदद की बहुत ज्यादा जरूरत पड़ेगी।
दंत विकास पर नज़र बनाए रखने के लिए माता-पिता के लिए सुझाव
नियमित जांच : आपका बच्चा रोजाना दंत चिकित्सक के पास जाए, इसको सुनिश्चित करें। आदर्श रूप से, बच्चों को एक वर्ष की आयु तक दंत चिकित्सक के पास पहली बार जाकर मुलाकात करनी चाहिए। इसके बाद बच्चों के दांत उगने और इकसारता की निगरानी के लिए वार्षिक जांच को करवाते रहना चाहिए। आपको ऐसा दंत चिकित्सालय को चुनना चाहिए जो नए रोगियों को स्वीकार करने में प्रसन्न हो और इसके अलावा रोगियों की सुविधा के लिए सप्ताहांत या शाम की अपॉइंटमेंट भी प्रदान करे।
प्रारंभिक चेतावनी संकेतों पर ध्यान दें : ज़्यादातर अपने बच्चों के दांतों के आकार पर ध्यान दें। आपको अपने बच्चे के दांत अगर टेढ़े-मेढ़े और भीड़-भाड़ वाले लग रहे हैं, या आपके बच्चे को चबाने या साफ़ बोलने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है, तो आपको तुरंत दंत चिकित्सक के पास जाना चाहिए। बाद में और जटिल समस्याओं का इंतज़ार करने और उनसे निपटने की बजाय, पहले ही संभावित समस्याओं का पता लगाना ठीक होता है।
स्वस्थ आदतों को प्रोत्साहित करें : आमतौर पर हफ्ते के सातों दिन अपने बच्चे को मुँह को स्वस्थ रखने के लिए ब्रश करने और फ़्लॉस करने की बेहतर तकनीक को सिखाएं। इससे स्वस्थ दांतों में इकसारता संबंधी समस्याएँ होने की संभावना बहुत ज्यादा कम होती है। आपको बता दें कि मजबूत दांत और मसूड़े स्थायी दांतों के लिए बेहतर आधार प्रदान करते हैं।
पारिवारिक दंत चिकित्सकों की भूमिका
दंत चिकित्सक के पास नियमित रूप से जाने से यह सुनिश्चित होता है कि किसी भी संभावित समस्या का जल्दी से पता चल जाए, जिससे कि इलाज और भी ज्यादा आसान हो जाता है। आपको बता दें कि एक पारिवारिक दंत चिकित्सक उन समस्याओं को रोकने में कर सकता है, जो दांतों की इकसारता को बिगाड़ सकती है, जैसे कैविटी, मसूड़ों की बीमारी, या खराब मौखिक स्वच्छता आदि।
प्रारंभिक हस्तक्षेप : अगर बच्चे में दातों की गलत इकसारता के लक्षण दिखाई देते हैं, तो एक पारिवारिक दंत चिकित्सक इसकी रोकथाम उपचार दे सकता है, या फिर अधिक गहन दंत चिकित्सा देखभाल को कब शुरू करना है, इसके बारे में जानकारी दे सकता है। दांतों को सही स्थिति में लाने के लिए इसमें स्पेस मेंटेनर या एक्सपैंडर जैसे उपकरणों का इस्तेमाल किया जा सकता है।
निवारक देखभाल : आमतौर पर फ्लोराइड इलाज और दंत सीलेंट आम मौखिक स्वास्थ्य को बनाए रखने और सड़न को रोकने के लिए जरूरी है। स्वस्थ इनेमल के सीधे और मजबूत होने की संभावना बहुत ज्यादा होती है।
दंत चिंता का प्रबंधन : खासकर जब बच्चे किसी नए दंत चिकित्सक के पास जाते हैं, या उनसे उपचार करवाते हैं, तो कई बच्चे चिंता का अनुभव करते हैं। अच्छी बात यह होती है ज्यादातर क्लीनिक बेहोश करने की दवा देते हैं, ताकि इससे यह सुनिश्चित हो सके कि बच्चे को उनके दौरे के दौरान आराम और सहजता महसूस हो।
अनुपचारित टेढ़े दांतों के परिणाम
बोलने में कठिनाई : बच्चों की जीभ का गलत अलाइनमेंट, बच्चों के बोलने के तरीके को प्रभावित करता है। कुछ ध्वनियों के उच्चारण करने में दिक्कत हो सकती है। इसका उनके संचार कौशल पर प्रभाव पड़ सकता है, खासकर बचपन के शुरुआती वर्षों में।
आत्म-सम्मान संबंधी समस्याएं : इसकी वजह से बच्चे अपने रूप-रंग को लेकर संवेदनशील हो सकते हैं। टेढ़े-मेढ़े कपड़े पहनने से शर्मिंदगी या फिर आत्म-चेतना भी हो सकती है। इसके कारण उनके आत्मविश्वास और सामाजिक मेलजोल पर भी काफी असर पड़ सकता है।
कैविटीज़ का बढ़ता जोखिम : गलत अलाइनमेंट वाले दांतों को ठीक से साफ़ करना मुश्किल होता है, जिसकी वजह से कैविटीज़ और मसूड़ों की बिमारिओं का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। आमतौर पर टेढ़े-मेढ़े दांतों में खाना और प्लाक भी फँस सकता है।
जबड़े और काटने की समस्या : दांतों की गलत इकसारता से काटने की समस्या हो सकती हैं, जिससे जबड़े में दर्द या बेचैनी हो सकती है। आपको बता दें कि कुछ मामलों में, अनुपचारित इकसारता समस्याओं से टीएमजे (टेम्पोरोमैंडिबुलर जोड़) की समस्या भी हो सकती है, जिसके कारण पुराना दर्द और सिरदर्द भी हो सकता है।
रोकथाम: टेढ़े-मेढ़े दांतों से कैसे बचें
हालांकि आप आनुवंशिकी को कंट्रोल नहीं कर सकते हैं, पर फिर भी आप अपने बच्चे को टेढ़े-मेढ़े दांतों से बचाने के लिए कुछ कदम उठा सकते हैं जैसे,
अच्छी दंत देखभाल : सबसे पहले पैन बच्चों को दिन में दो बार ब्रश करने और रोज़ाना फ़्लॉस करने के लिए प्रोत्साहित करें। इससे एक स्वस्थ दांत के सीधे आने की संभावना बहुत ज़्यादा होती है।
हानिकारक आदतों से बचें : अगर आपका बच्चा ज्यादातर मुंह सांस लेता है, तो इस समस्या का शीघ्र समाधान करने के लिए बाल चिकित्सा दंत चिकित्सक या ऑर्थोडोन्टिस्ट से सलाह करें।
प्रारंभिक जाँच : दांतों की संभावित समस्याओं की जल्द पहचान करने के लिए नियमित रूप से दंत चिकित्सक के पास जाएँ। इससे आपका विश्वसनीय पारिवारिक दंत चिकित्सा क्लिनिक आपके शेड्यूल के अनुसार ही सुविधाजनक अपॉइंटमेंट को प्रदान करता है।
निष्कर्ष : आज के समय में दाँतों की समस्या बहुत ज्यादा बढ़ रही है। बच्चे और बड़े दोनों ही दातों की समस्या से किसी न किस समय गुजरते हैं। अगर आपके बच्चे के स्थायी दाँत टेढ़े-मेढ़े निकल रहे हैं, तो चिंता न करें, कई बच्चे इस दौर से गुजरते हैं। बच्चों के स्थाई दांत टेढ़े-मेढ़े आनुवंशिकी, बच्चों का अंगूठा चूसना, मुंह से सांस लेना, जबड़े का विकास और दूध के दांतों का जल्दी या देर से गिरना आदि इसकी वजह हो सकती है। बच्चों के दांत टेढ़े-मेढ़े निकलने पर माता पिता को नियमित डॉक्टरी जांच, प्रारंभिक चेतावनी संकेतों पर ध्यान देना और स्वस्थ आदतों को प्रोत्साहित करना चाहिए। अगर आपके बच्चे को भी दांतों की समस्या या उनके स्थाई दांत टेढ़े-मेढ़े निकल रहे हैं, और आप इसके बारे में जानकारी और अपने बच्चे का इलाज करवाना चाहते हैं तो आप आज ही स्माइल ज़ोन डेंटल स्पेशलिटी सेंटर में जाके अपनी अपॉइंटमेंट को बुक करवा सकते हैं और इसके बारे में इसके विशेषज्ञों से जानकारी ले सकते हैं।